एक बच्चे की भगवान से विनती
प्रतियोगिता हेतु रचना
एक बच्चे की भगवान से विनती
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अगला जन्म जो देना भगवन तो कुत्ता मुझे बनाना
देशी नहीं विदेशी सुन्दर धनवान के घर भेजवाना
मानव का बच्चा बना कर तुमने मुझको क्यों भेजा है
फूट गये हैं भाग्य हमारे यहां पे जो भेजा है
जब मैं पिल्ला बन आऊंगा सम्मान मेरा बढ़ जायेगा
फिर इस घर का हर सदस्य गोद में मुझे खिलायेगा
फिर मम्मी मुझे गोद में ले बाजार घूमने जायेगी
सुबह से उठ कर पार्कों में फिर मुझको रोज घुमायेगी
घर में आकर फिर सैम्पू से रगड़ रगड़ नहलायेगी
बालों में लगा विदेशी इत्र कंघी से बाल संवारेगी
दूध में डाल विदेशी बिस्कुट हमको खूब खिलायेगी
शाम को गोदी में लेकर कार में बगल बिठायेगी
बाजार में जब वो घूमेंगे चुम्बन ले गाल चटायेगी
उस दिन मेरा भाग्य जगेगा स्वर्ग का सुख मिल जायेगा
कुत्ते का जीवन पाकर के मैं कृतार्थ हों जाऊंगा
इस जन्म मुझे जो सुख ना मिला
उस जन्म में वो मिल जायेगा
धनवान के घर में कुत्ते का यदि जन्म मुझे मिल जायेगा
अपने प्यारे इस बच्चे की भगवन विनती तुम सुन लेना
मैं आस लगाये बैठा हूं कुत्ते का जन्म ही दे देना
विद्या शंकर अवस्थी पथिक
Shashank मणि Yadava 'सनम'
31-Jul-2023 07:17 AM
आज के सामाजिक परिदृश्य का वास्तविक चित्रण,,,, यही हो रहा है,,, बच्चों को दूर भगाया जा रहा है और कुत्तों को गले लगाया जा रहा है
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
31-Jul-2023 07:16 AM
Wahhhh wahhhh बहुत ही सुंदर और बेहतरीन व्यंगात्मक अभिव्यक्ति,,,,
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Alka jain
31-Jul-2023 12:37 AM
Nice
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